परम रम्य उत्तम यह धरनी | महिमा अमित जाइ नहिं बरनी ||
करिहउँ इहाँ संभु थापना | मोरे हृदय परम कलपना ||
इस मंदिर का निर्माण डॉ. श्री सोहनलाल जी गुप्ता (सुपुत्र लाला श्री रामजीदास जी गुप्ता एवं श्रीमती कृपादेवी जी गुप्ता) व पत्नि श्रीमती राज रानी गुप्ता जी के कर कमलों द्वारा किया गया है । मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर की स्थापना दिनांक 10 अप्रैल 2022 दिन रविवार चैत्र शुक्ल पक्ष राम नवमी के दिन की गयी है ।
डॉ. श्री सोहनलाल गुप्ता जी को बचपन से ही ये स्वप्न आते थे, जिसमें माता जी उनको यह आदेश देती थी कि पुत्र यह मेरा स्थान है, यहाँ मुझे पुनः स्थापित करो | डॉ. श्री सोहनलाल गुप्ता जी को स्वप्नों में यह आभास होता था कि यहां पर एक बहुत प्राचीन माताजी का मंदिर हुआ करता था जो कि हमलावार मुसलमानों और राजपूतों की लड़ाई में ध्वस्त हो गया था ।
मंदिर के निर्माण के समय खुदाई करते हुए कुछ ईटें मिली हैं – जिनके उपर ॐ, सर्प एवं त्रिशूल के चिन्ह अकिंत हैं। इन ईटों को प्राचीन ध्वस्त मंदिर होने के प्रमाणों के रूप में इसी मंदिर में सुरक्षित रखा हुआ है ।
स्वप्नों के अनुसार यहीं पर भट्टी नामक राजपूत अपने परिवारों के साथ माता जी की पूजा अर्चना के लिए आया करते थे इन्हीं भट्टी राजपूतों ने इस शहर का निर्माण कराया था जिससे उनके नाम से ही इस शहर का नाम भटिंडा प्रसिद्ध हुआ । 1
इन स्वपनों से प्रेरित होकर डॉ. श्री सोहनलाल गुप्ता जी के मन में बचपन से ही यह प्रबल इच्छा थी की माताजी के आदेश के अनुसार मैं यहाँ पर माताजी के एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाऊं। अंततः उनके अथक प्रयासो से उन्होंने यहाँ पर इस भव्य मंदिर का निर्माण करवाया !!
Near by station is Bhatinda Railway Station, Punjab.
Well-known Temple Architect Hitesh H Sompura, in Mumbai was consulted for Layout Plan and for designing Traditional Architectural elements of Prachin Durga Mata Mandir to create an authentic spiritual atmosphere for the devotees & Visitors.
The most striking feature is Double Chhajja on top of facade of the Temple and 2 Friezes (white in colour) at the bottom and top level of main door. For both Friezes, we has used simple geometric patterns as intricate decorative stone carving work was not suitable. 3 arches on facade complete the look of the temple with pleasant feel to watching eyes.
Layout Plan
The Entrance of Compound is from East with Lord Shiva Temple near the entrance in North-East Corner. The Main Door opens in Assembly Hall (Sabha- mandap) of approximately 700 square feet which can accommodate about 60 worshippers at a time. The 3 main idols facing East are placed towards the Western End of the Temple. The 3 main idols are placed inside 3 beautiful wooden temples on platform and under 3 domes in well-lit false ceiling. Pradakshina Marg is around this main platform. Sabha-Mandap also has idols of about 13 (please cross-check this number) deities like Vishnu Laxmi ji , Shiv-Parivar, Shitala Mataji, Santoshi Mata ji, etc. The main Spire/Shikhar (conical dome) is huge in size and above the main idol of Durga Mata ji. This spire is not visible from anywhere at ground level as the temple is surrounded by houses on 3 sides and has a narrow street in front. Though the main spire is not visible from ground, it is made in all its
Mandir Moortis
Our Founders
Dr. SohanLal Gupta
Founder
Smt. Rajrani Gupta
Founder
Dr. Arun Kumar Gupta
Founder
Dr. Renu Gupta
Founder
Dr. Aakankasha Gupta
Founder
Dr. Aantariksha Gupta
Founder
Dr. Aaashutosh Gupta
Founder
A Very Special Thanks To
एक ऐसी शख्सियत एक ऐसा बेहतरीन एवम मेहनती इंसान, जिन्होंने लगातार पूरे 2 साल तक मेहनत करके मंदिर से संबंधित सभी कंस्ट्रक्शन एजेंसियों से कॉर्डिनेट करके, गवर्नमेंट, सेमी गवर्नमेंट, लोकल कॉरपोरेशन, सेंट्रल गवर्नमेंट, Archaeological Department of India, Civil Court and Hight Court cases तथा गली मोहल्ले के लोगों के साथ एवम पड़ोसियों के साथ आने वाली सभी मुश्किलोंको एवम,
सामने आने वाले सभी मुश्किलों को, दिक्कतों को, प्यार से बातचीत करके, अपने ढंग से हल करते हुए, करोना काल में खुद की सेहत की परवा किए बगैर पूर्ण दृढ़ निश्चय प्रण के साथ, तन मन के साथ अपनी नजरोके सामने पूरे दिनभर मंदिर निर्माण की जगह खड़े रहकर इस प्राचीन दुर्गा माता मंदिर का निर्माण करवाया, और ऐसी शक्सियत को हम कोटि कोटि धन्यवाद देते है, और ये कोई और नहीं, हमारे अपनो के बीच के ही है श्री वरिंदर कुमार गुप्ता जी।